प्रस्तुत पुस्तक इतिहास और दर्शनशास्त्र के स्नातक तथा परास्नातक छात्रों के लिए अत्यंत उपयोगी है, साथ ही यह उन विद्वानों और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों के लिए भी महत्वपूर्ण है। भारतीय संस्वृफति विश्व की सबसे प्राचीन और समृ( संस्वृफतियों में से एक मानी जाती है, जो हजारों वर्षों की ऐतिहासिक ध्रोहर का हिस्सा है। इसकी विविध्ता, व्यापकता और गहराई इसे अद्वितीय बनाती है। भारतीय संस्वृफति केवल रीति-रिवाजों और परंपराओं का समुच्चय नहीं है, बल्कि यह एक जीवनशैली है जो ध्र्म, दर्शन, कला, भाषा, आचार-विचार और सामाजिक संरचनाओं के माध्यम से लगातार विकसित होती रही है। इस पुस्तक में भारतीय संस्वृफति के विकास की यात्रा को प्राचीन काल से लेकर आधुनिक युग तक स्पष्ट और व्यवस्थित रूप में प्रस्तुत किया गया है।
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